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Posts Tagged ‘hindi poems’

क्या समां छा रहा है की दिल मेरा मुझपे आ रहा है |
क्या बात हुई की ख़ुद ही मैं गुनगुना रहा है ||

आइना मुझसे मेरी पूरानी सी सूरत मांगता है /
जवान जिंदादिल मुझसे मेरी पुरनी मूरत मांगता है //

अपने आँचल से उजाला ढक लेती है, चांदनी रात |
कि कपड़े बदलने से नही बदलते हालात //

बदलते मौसम मैं तन्हाई की शाम कहाँ बदलती है |
ये हिज्र शाम रोज़ गमेशब् मैं ढलती है ||

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आती साँसों मैं एक जाती सासों मैं एक पल
दो पल बीत रहे हैं आज ,जो बीत गए थे कल|

बीते पल की बात नही होती ,होती दो पल की यादें हैं |
खो जाता हैं वो पल भी जिसमें न खोने की कसमें खाते हैं ||

दो पल कसे अलबेले जो अब तक भूल न पाए |
बनके फूल खिले हर सावन दो पल , फ़िर पतझड़ मैं झड़ जायें ||

ऐसे दो पल भूल न पाए कैसे थे वो पल |
अभी तो सदियों याद करोगे कहते हैं दो पल ||

रात अकेली दिन अकेला , उन दो पल की राह निहारे |
मिल जाए दिन रात से पल मैं , दो पल दिन को रात बना दें||

दो पल आज नही आए , क्या नही आयेंगे कल |
रात मैं चुपके से आ जाते , लोरी गाते दो पल ||

नही प्रवीण कोई , अलग कर सका साथ रहे दो पल |
एक पल उठती पलकों का , झुकती पलकों का एक पल ||

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