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Posts Tagged ‘hindi kavita’

इक बार पहले भी मुझे धोका बहर ये दे चुके
की दोस्ती भी दिल की अपनी दोस्तों मौसम से है //

वो जो कभी न कर सका , वो आज लिख चला हूँ मैं
की आज वो इज़हार लिखना ,लिखने की कसम पे है //

ख़मोश लफ्जों से मुझे कुछ कुछ बुदबुदाना याद है
किसी की याद मैं लिखी ग़ज़ल ,वो मौसम पुराना याद है //

लिखते -लिखते आज मेरे हाथ कुछ नम से हैं
लफ्ज उस वक्त भी कुछ कम से थे , इस वक्त भी कुछ कम से हैं //

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मन के किसी कोने मैं ,पलकों पे रहती है ,

पर मुश्किल से होटों पे आती है .आकांक्षा

कभी झूटी सी कभी अधूरी होती है ,

जब भी सच्ची ,पूरी होती है आकांक्षा

कभी निर्मल , छलि कभी ,कोमल कभी ,

भोली कभी होती है आकांक्षा

कभी स्वार्थ है ,कभी है इच्छा ,कभी विव्बस्ता ,

कभी स्वेच्छा होती है आकांक्षा

कभी बूँद है , कभी है सागर ,

कभी कहीं चुप कहीं ऊजागर होती आकांक्षा

नही कोई प्रवीण जो इनको रोक सके ,

अंत हीन होती है ,ऐसी होती है

*****************ऐसी होती है आकांक्षा **************************

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